Sunday, 14 November 2021

14 नवंबर | बाल दिवस | Children's Day

बाल दिवस जिसे जवाहरलाल नेहरू जी के जन्म दिन के अवसर पर मनाया जाता है, पूरे देश में इस अवसर को बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है। बच्चों का दिन (बाल दिवस के नाम से भी जाना जाता है) भारत में हर साल 14 नवम्बर को लोगों को बच्चों के अधिकार, देखभाल और शिक्षा के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिये मनाया जाता है। बच्चे देश की सफलता और विकास की कुँजी है क्योंकि वो ही अपने देश का नये और तकनीकी ढंग से नेतृत्व करेंगे। वो अनमोल मोती की तरह ही चमकदार और अति आकर्षक होते हैं। बच्चे सर्वशक्तिमान द्वारा उनके माता-पिता के लिए भगवान का उपहार हैं। वो निर्दोष, सराहनीय, शुद्ध और हर किसी को प्यारे होते हैं। 14 नवंबर (पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्मदिन) को पूरे भारत में बाल दिवस के रूप में मनाने के लिए निर्धारित किया गया है। 14 नवंबर पहले भारतीय प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की जन्म तिथि है। वो भारत की आजादी के तुरन्त बाद भारत के प्रधानमंत्री बने। हर साल बाल दिवस लोगों को विशेष रुप से माता-पिता को इस दिन के बारे में जागरुक करने के लिये मनाया जाता है।

14 नवंबर बाल दिवस दिन रविवार होने के कारण 13 नवंबर को  अभिनव विद्या मंदिर पुसौर व  अभिनव विद्या मंदिर इंग्लिश मीडियम स्कूल पुसौर के बच्चों ने बाल दिवस मनाया साथ ही चाचा नेहरु जी को याद किया। बच्चों ने कई खेलों का आनंद उठाया जिसमें से कबड्डी, खो-खो, चम्मच दौड़, बोरी दौड़, स्लो साइकिल रेस, बाॅल थ्रो, बैलन गेम, कुर्सी दौड़, रंगोली प्रतियोगिता, बिस्किट दौड़ इत्यादि।
बाल दिवस क्यों मनाया जाता है 

चाचा नेहरू (पंडित जवाहर लाल नेहरु), एक महान भारतीय नेता का जन्मदिन बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने भारत की आजादी के बाद बच्चों के साथ ही युवाओं के भलें के लिए बहुत अच्छे काम किया। उन्होंने भारत के बच्चों की शिक्षा, प्रगति और कल्याण के लिए बहुत काम किया। वो बच्चों के के प्रति बहुत स्नेही थे और उनके बीच चाचा नेहरू के रूप में प्रसिद्ध हो गये।। भारत के युवाओं के विकास और प्रगति के लिए, उन्होंने विभिन्न शैक्षिक संस्थानों जैसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान और भारतीय प्रबंधन संस्थान की स्थापना की थी। 

उन्होंने पंचवर्षीय योजना बनाई जिसमें कि नि:शुल्क प्राथमिक शिक्षा, भारत में कुपोषण से बच्चों को बचाने के लिये स्कूलों में बच्चों के लिये दूध सहित मुफ्त भोजन भी शामिल है। बच्चों के प्रति गहरा प्रेम और चाचा नेहरू का चाव उनके जन्मदिन की सालगिरह को बाल दिवस के रुप में मनाने का बड़ा कारण है। 

बचपन हर किसी के जीवन में महत्वपूर्ण क्षण है जिसमें देश की परिसंपत्ति के रूप में भविष्य में सफल बनने के लिए एक सही रास्ते पर जाने की जरुरत है। सही दिशा के बिना वो एक अच्छा जीवन जीना खो सकते हैं। ये केवल एक सही शिक्षा, देखभाल और प्रगति के लिए रास्ता देकर किया जा सकता है। 

बाल दिवस को कैसे मनाते हैं

* बच्चों को उपहार और चॉकलेट वितरित करते हैं। 

* विभिन्न प्रतियोगिताओं जैसे: फैंसी ड्रेस, वाद-विवाद, स्वतंत्रता सेनानियों से संबंधित भाषण, देश, कहानी और क्विज़ प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। 

* सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रमों जैसे गायन, नृत्य और अन्य संगीत वाद्ययंत्र के साथ मनोरंजन का आयोजन किया जाता है। 

* अनाथ बच्चों का संगीत वाद्ययंत्र, स्टेशनरी, किताबें, कपड़े और खिलौने आदि के वितरण से मनोरंजन किया जा सकता है। 

* स्वतंत्रता सेनानियों से संबंधित कुछ कार्यक्रमों का आयोजन। 

* पहेली, मिठाई और चीनी खजाने की खोज आदि सहित कुछ खेल गतिविधियों का आयोजन। 

* वंचित बच्चों का मनोरंजन मशहूर संगीतकारों द्वारा संगीतमय कार्यक्रमों के आयोजन और स्वास्थ्य, देखभाल और प्रगति पर भाषण पर से किया जाता हैं। 

बाल दिवस का महत्‍व 

लेकिन इन सभी समारोह और भव्‍यता के बीच हमें चाचा नेहरू की दृष्टि के असली संदेश को नहीं भूल जाना चाहिए। जो कि हमारे बच्‍चों को सुरक्षा और प्रेमपूर्ण वातावरण उपलब्‍ध कराता है जिसमें उन्‍हें पर्याप्‍त और समान अवसर देना शामिल है जिसके जरिए वे प्रगति करें और देश की प्रगति में योगदान दे सकें। यह दिन हम सबके लिए एक अनुस्मारक की भांति कार्य करता है, बच्‍चों के कल्‍याण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को याद दिलाता है और चाचा नेहरू के मूल्‍यों और उनके उदाहरण को अपनाना सिखाता है। 

जिस वजह से उनके जन्‍मदिन को बाल दिवस के रूप में चुना गया वह था बच्‍चों के लिए उनका अपार प्रेम था। पंडित नेहरू को देश का विशिष्‍ट बच्‍चा होने का सम्‍मान प्राप्‍त है क्‍योंकि वे स्‍वतंत्रता के लिए लंबे संघर्ष के बाद देश के पहले प्रधानमंत्री बने थे। 

भारत में 14 नवम्‍बर को बाल दिवस मनाया जाता है क्‍योंकि इस दिन महान स्‍वतंत्रता सेनानी और स्‍वतंत्र भारत में पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्‍म हुआ था। बच्‍चों के प्रति उनके प्रेम और नेहरूजी को श्रद्धांजलि के तौर पर उनके जन्मदिन को बाल-दिवस के रूप में मनाया जाता है।

बाल दिवस के पूर्व दिवस पर आज विकास दुबे सर के द्वारा जलेबी का सहयोग प्रदान किए तथा समस्त स्टाफ द्वारा समोसा, मिक्चर और केले का छोटा सा स्वल्पाहार बच्चों को प्रदान किया गया।

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